- उक्रांद, उपपा समेत विभिन्न संगठनों ने किए विरोध प्रदर्शन
- प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने भी किया प्रदर्शन
भराड़ीसैंण में त्रिवेंद्र सरकार के बजट सत्र का आगाज हंगामेदार रहा। मंगलवार को सत्र के पहले दिन सड़क से लेकर सदन तक सरकार को विपक्ष, यूकेडी और जनरल ओबीसी कर्मचारियों के विरोध का सामना करना पड़ा। बाहर प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी का घेराव किया। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बंशीधर भगत के वाहन के आगे कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।
पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था समाप्त करने की मांग को लेकर आंदोलित जनरल ओबीसी कर्मचारी संगठन के नेताओं और कर्मचारियों ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन गैरसैंण पहुंचकर विधानसभा के घेराव का प्रयास किया। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। जोरदार नारेबाजी और धक्कामुक्की के बीच पुलिस ने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी समेत करीब 200 कर्मचारियों को हिरासत में लेकर गैरसैंण बाजार में छोड़ दिया।
गैरसैंण क्षेत्र से लगभग 90 कर्मचारियों ने राधा कृष्ण मंदिर परिसर में एकत्र होने के बाद विधानसभा के लिए कूच किया, जबकि देहरादून से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के नेतृत्व में 110 कर्मचारियों के जत्थे ने दिवालीखाल में पहुंचने के बाद विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण की ओर कूच का प्रयास किया। पुलिस ने कर्मचारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। कर्मचारी नेताओं ने सरकार को चेताया कि जल्दी ही प्रमोशन में आरक्षण को खत्म नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था समाप्त करने की मांग को लेकर आंदोलित जनरल ओबीसी कर्मचारी संगठन के नेताओं और कर्मचारियों ने मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन गैरसैंण पहुंचकर विधानसभा के घेराव का प्रयास किया। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। जोरदार नारेबाजी और धक्कामुक्की के बीच पुलिस ने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी समेत करीब 200 कर्मचारियों को हिरासत में लेकर गैरसैंण बाजार में छोड़ दिया।
गैरसैंण क्षेत्र से लगभग 90 कर्मचारियों ने राधा कृष्ण मंदिर परिसर में एकत्र होने के बाद विधानसभा के लिए कूच किया, जबकि देहरादून से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी के नेतृत्व में 110 कर्मचारियों के जत्थे ने दिवालीखाल में पहुंचने के बाद विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण की ओर कूच का प्रयास किया। पुलिस ने कर्मचारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। कर्मचारी नेताओं ने सरकार को चेताया कि जल्दी ही प्रमोशन में आरक्षण को खत्म नहीं किया गया तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
उक्रांद, उपपा समेत विभिन्न संगठनों ने किए विरोध प्रदर्शन
भराड़ीसैंण में बजट सत्र के पहले दिन मंगलवार को विधानसभा के बाहर सड़कों पर दिनभर हंगामा होता रहा। उत्तराखंड क्रांति दल, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, स्थायी राजधानी संघर्ष समिति समेत विभिन्न संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किए। गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने, महंगाई पर अंकुश लगाने, बेरोजगारों को रोजगार आदि मांगों को लेकर गैरसैंण और भराड़ीसैंण के आसपास दिनभर सरकार विरोधी नारों की गूंज रही।
सुरक्षा बलों ने सभी प्रदर्शनकारियों को मालसी में बनाई गई अस्थायी जेल पहुंचा दिया। उक्रांद के शीर्ष नेता काशी सिंह ऐरी और पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी की अगुवाई में कुमाऊं क्षेत्र से पहुंचे दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दिवालीखाल और मरोड़ा गांव के जंगल के बीच दुपतोलीसैंण में लगे बैरियर से विधानसभा परिसर में पहुंचने की कोशिश की, तभी सुरक्षा बलों ने उन्हें दिवालीखाल बैरियर पर रोक दिया।
यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने भी समर्थकों के साथ बैरियर पार करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें भी हिरासत में लेकर अस्थायी जेल पहुंचा दिया। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की से कर्णप्रयाग-नैनीताल मार्ग पर बार-बार जाम लगता रहा।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, बीडीसी सदस्य बीरेंद्र आर्य, प्रकाश जोशी, प्रभात ध्यानी, महेश फुलारा, साहिल रावत ने भी दिवालीखाल बैरियर पर जोरदार नारेबाजी की। पीसी तिवारी ने कहा कि भाजपा शासन में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है। सरकार को युवाओं के भविष्य की कोई चिंता नहीं है।
सुरक्षा बलों ने सभी प्रदर्शनकारियों को मालसी में बनाई गई अस्थायी जेल पहुंचा दिया। उक्रांद के शीर्ष नेता काशी सिंह ऐरी और पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी की अगुवाई में कुमाऊं क्षेत्र से पहुंचे दल के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दिवालीखाल और मरोड़ा गांव के जंगल के बीच दुपतोलीसैंण में लगे बैरियर से विधानसभा परिसर में पहुंचने की कोशिश की, तभी सुरक्षा बलों ने उन्हें दिवालीखाल बैरियर पर रोक दिया।
यूकेडी के केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने भी समर्थकों के साथ बैरियर पार करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें भी हिरासत में लेकर अस्थायी जेल पहुंचा दिया। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्कामुक्की से कर्णप्रयाग-नैनीताल मार्ग पर बार-बार जाम लगता रहा।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी, स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट, बीडीसी सदस्य बीरेंद्र आर्य, प्रकाश जोशी, प्रभात ध्यानी, महेश फुलारा, साहिल रावत ने भी दिवालीखाल बैरियर पर जोरदार नारेबाजी की। पीसी तिवारी ने कहा कि भाजपा शासन में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है। सरकार को युवाओं के भविष्य की कोई चिंता नहीं है।
भराड़ीसैंण में गिरफ्तारी, देहरादून में फूटा गुस्सा
प्रमोशन में आरक्षण के विरोध में विधानसभा का घेराव करने भराड़ीसैंण पहुंचे उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज फेडरेशन के नेताओं को पुलिस हिरासत में लेने की सूचना मिलते ही देहरादून में कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने सरकार को सामूहिक गिरफ्तारी और तालाबंदी की धमकी दी। बुधवार को सभी जिला मुख्यालयों में जनरल ओबीसी कर्मचारी प्रमोशन पर रोक लगाने वाले कार्मिक विभाग के शासनादेश की प्रतियां फूंकेंगे।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के नेतृत्व में मंगलवार को सुबह 10 बजे से ही कर्मचारियों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। राज्य सचिवालय में आज 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने कामकाज छोड़कर परेड ग्राउंड का रुख किया। राजधानी में लोनिवि, सिंचाई, पेयजल, सूचना, परिवहन, कोषागार समेत कई विभागों के जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। हड़ताल के दूसरे दिन भी जनरल ओबीसी कर्मचारियों के बड़ी तादाद में पहुंचने पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं के चेहरे चमक उठे।
इस अवसर पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सभा में जब एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसांई ने भराड़ीसैंण में विस का घेराव के दौरान एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी, चमन लाल असवाल, मुकेश बहुगुणा, प्रदीप रावत समेत कई अन्य नेताओं की गिरफ्तारी सूचना दी, तो सभा में उपस्थित कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि सरकार ने यदि दमनकारी नीति अपनाई तो सभी कर्मचारी सामूहिक गिरफ्तारियां देकर जेलों को भर देंगे।
उत्तराखंड जनरल ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के नेतृत्व में मंगलवार को सुबह 10 बजे से ही कर्मचारियों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। राज्य सचिवालय में आज 80 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने कामकाज छोड़कर परेड ग्राउंड का रुख किया। राजधानी में लोनिवि, सिंचाई, पेयजल, सूचना, परिवहन, कोषागार समेत कई विभागों के जनरल ओबीसी कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया। हड़ताल के दूसरे दिन भी जनरल ओबीसी कर्मचारियों के बड़ी तादाद में पहुंचने पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं के चेहरे चमक उठे।
इस अवसर पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर प्रहलाद सिंह की अध्यक्षता में आयोजित सभा में जब एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसांई ने भराड़ीसैंण में विस का घेराव के दौरान एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक जोशी, चमन लाल असवाल, मुकेश बहुगुणा, प्रदीप रावत समेत कई अन्य नेताओं की गिरफ्तारी सूचना दी, तो सभा में उपस्थित कर्मचारियों ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी कि सरकार ने यदि दमनकारी नीति अपनाई तो सभी कर्मचारी सामूहिक गिरफ्तारियां देकर जेलों को भर देंगे।
सचिवालय पर में दिखा असर, अनुभागों में सन्नाटा
दूसरे दिन भी सरकारी कार्यालयों में बेमियादी हड़ताल का बड़ा असर दिखाई दिया। मंगलवार को सचिवालय के अनुभागों में कई कर्मचारी नहीं गए और उन्होंने पूरी तरह से कार्य बहिष्कार किया। जो जनरल ओबीसी अनुभागों में बैठे थे, सुबह सचल दल के सदस्यों ने वहां छापा मारकर उन्हें कार्यालय छोड़ने को मजबूर किया। इस दौरान कुछेक अनुभागों में सचल दल के सदस्यों के साथ झड़पें भी हुई।
बायोमीट्रिक हाजिरी के रिकार्ड के अनुसार, सचिवालय में 1257 एक्टिव यूजर में से 254 यूजर की ही उपस्थिति रही। हालांकि सचिवालय प्रशासन से जुड़े कार्मिकों का दावा है कि बड़ी संख्या अधिकारी कर्मचारी बायोमीट्रिक हाजिरी के स्थान पर उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करते हैं। लेकिन इसके बावजूद सचिवालय में पहले दिन की अपेक्षा ज्यादा तादाद में कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। इस कारण अनुभागों का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा।
जो नहीं आएंगे, उन्हें जूतों की माला पहनाएंगे
परेड ग्राउंड में आयोजित सभा में कर्मचारी नेताओं ने जनरल ओबीसी कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे शत प्रतिशत संख्या में आंदोलन में भागीदारी करें। कहा गया कि ये उनसे आखिरी अपील की जा रही है। एलान किया गया कि बुधवार से कर्मचारियों के दस्ते अनुभागों और दफ्तरों में छापा मारेंगे और जो जनरल ओबीसी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं होंगे तो उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे आंदोलन में शामिल हों। इसके बाद भी वे शामिल नहीं होते तो उनके मुंह पर काला पेंट लगाया जाएगा और जूते की माला पहनाई जाएगी।
बायोमीट्रिक हाजिरी के रिकार्ड के अनुसार, सचिवालय में 1257 एक्टिव यूजर में से 254 यूजर की ही उपस्थिति रही। हालांकि सचिवालय प्रशासन से जुड़े कार्मिकों का दावा है कि बड़ी संख्या अधिकारी कर्मचारी बायोमीट्रिक हाजिरी के स्थान पर उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करते हैं। लेकिन इसके बावजूद सचिवालय में पहले दिन की अपेक्षा ज्यादा तादाद में कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। इस कारण अनुभागों का कामकाज पूरी तरह से ठप रहा।
जो नहीं आएंगे, उन्हें जूतों की माला पहनाएंगे
परेड ग्राउंड में आयोजित सभा में कर्मचारी नेताओं ने जनरल ओबीसी कर्मचारियों का आह्वान किया कि वे शत प्रतिशत संख्या में आंदोलन में भागीदारी करें। कहा गया कि ये उनसे आखिरी अपील की जा रही है। एलान किया गया कि बुधवार से कर्मचारियों के दस्ते अनुभागों और दफ्तरों में छापा मारेंगे और जो जनरल ओबीसी कर्मचारी हड़ताल में शामिल नहीं होंगे तो उनसे अनुरोध किया जाएगा कि वे आंदोलन में शामिल हों। इसके बाद भी वे शामिल नहीं होते तो उनके मुंह पर काला पेंट लगाया जाएगा और जूते की माला पहनाई जाएगी।